Thursday, October 26, 2017

भारत सरकार की सबसे पुरानी बीमा सेवा "डाक जीवन बीमा" का लाभ अब निजी क्षेत्र के कार्मिकों को भी

केंद्र सरकार ने 'डाक जीवन बीमा' योजना का दायरा बढ़ा दिया है। पहले मात्र सरकारी और अर्द्ध सरकारी कर्मचारियों तक सीमित इस बीमा योजना में अब निजी क्षेत्र के कार्मिकों को भी जोड़ा गया है।  राजस्थान पश्चिमी  क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि 'डाक जीवन बीमा' अब निजी शिक्षण संस्थाओं /विद्यालयों/महाविद्यालयों आदि के कर्मचारियों, डॉक्टरों, इंजीनियरों, प्रबंधन सलाहकारों, चार्टेड एकाउंटेंट, वास्तुकारों, वकीलों, बैंकर  जैसे पेशेवरों और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज तथा बम्बई स्टॉक एक्सचेंज के सूचीबद्ध कम्पनी के कर्मचारियों के लिए भी उपलब्ध होगी। यह फैसला सामाजिक सुरक्षा कवरेज को बढ़ाने और अधिकतम संख्या में लोगों को  भारत सरकार की डाक जीवन बीमा के तहत लाने के लिए किया गया है। 

 डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि विभाग ने यह कदम वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने तथा लोगों को किफायती जीवन बीमा उपलब्ध कराने के प्रयासों के तहत किया है। जोधपुर रीजन में वर्तमान में लगभग 78 हजार डाक जीवन बीमा धारक और सात लाख चौदह हजार ग्रामीण डाक जीवन बीमा धारक हैं। निजी क्षेत्र के लोगों को इससे जोड़ने पर इसमें काफी इजाफा होगा। 

गौरतलब है कि 1 फरवरी, 1884 को आरंभ डाक जीवन बीमा (Postal Life Insurance) वर्तमान में भारत की सबसे पुरानी बीमा सेवा है। निजी बीमा की तुलना में डाक पॉलिसियों का बीमा शुल्क कम और लाभांश अधिक है। डाक जीवन बीमा में 6 योजनायें-सुरक्षा, संतोष, सुविधा, युगल सुरक्षा, सुमंगल व चिल्ड्रन पालिसी हैं। इसके तहत वर्तमान में केंद्र और राज्य सरकार, रक्षा सेवाएं, सरकारी सहायता प्राप्त शैक्षणिक संस्थाएं, विश्वविद्यालय, राष्ट्रीयकृत बैंक, नगर पालिका और जिला पंचायत जैसी अर्द्ध सरकारी संस्थाओं के कर्मचारी आते हैं। इसमें निवेश की सुरक्षा पर सरकार की गांरटी, धारा 88 के तहत आयकर में छूट, कम प्रीमियम और अधिक बोनस, पॉलिसी पर लोन की सुविधा, देश के किसी भी डाकघर में प्रीमियम जमा करने की सुविधा और अग्रिम प्रीमियम पर छूट दी जाती है। जमा प्रीमियम पर किसी तरह का किसी प्रकार के एजेन्ट कमीशन का भार प्रस्तावक पर नहीं पड़ता है। डाक जीवन बीमा में  अधिकतम बीमित सीमा  50 लाख रूपये  है।

'डाक जीवन बीमा' के अलावा ग्रामीण क्षेत्रों के लिए डाक विभाग ने 'ग्रामीण डाक जीवन बीमा' भी आरम्भ की हुई है।  डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि देश के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वालों को किफायती जीवन बीमा सेवाएं प्रदान करने के लिए डाक नेटवर्क के जरिए बीमा सेवाएं उपलब्ध कराने  हेतु  सरकार ने ''सम्‍पूर्ण बीमा ग्राम योजना'' की भी  शुरूआत की है । इसके तहत प्रत्‍येक जिले में कम से कम सौ परिवारों वाले एक गांव का चयन कर हर परिवार के एक व्‍यक्ति को ग्रामीण डाक जीवन बीमा योजना के अंतर्गत लाया जाएगा। सम्‍पूर्ण बीमा ग्राम योजना के तहत सभी चिन्हित परिवारों को बीमा सुविधा देना इस योजना का लक्ष्‍य है। 

गौरतलब है कि  मल्होत्रा समिति की सिफारिशों पर 24 मार्च, 1995 को शुरू किए गए ग्रामीण डाक जीवन बीमा (आरपीएलआई) के जरिये ग्रामीण क्षेत्रों विशेष रूप से इन क्षेत्रों में रहने वाले वंचित वर्गो और महिलाओं को बीमा कवर प्रदान किया जाता है।  कम बीमा शुल्क और उच्च लाभांश पीएलआई और आरपीएलआई योजनाओं का महत्वपूर्ण पहलू है। 31 मार्च, 2017 तक देश भर में 46.8 लाख डाक जीवन बीमा और 146.8 लाख ग्रामीण डाक जीवन बीमा  पॉलिसी धारक थे।




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