Thursday, September 29, 2016

हिंदी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ही इसका असली सम्मान है - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव

हिन्दी सिर्फ एक भाषा ही नहीं बल्कि हम सबकी पहचान है। हिन्दी अपनी विविधता और समन्यवादी प्रवृत्ति के कारण आमजन की भाषा बनी है।  हिन्दी हमारे चारों ओर फैली और छाई हुई है, हमारे संस्कारों में, परिवेश में और वातावरण में।  उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं  श्री कृष्ण कुमार यादव ने पोस्टमास्टर जनरल, जोधपुर  कार्यालय में 28 सितंबर, 2016  को हिन्दी पखवाड़ा के समापन अवसर पर कहीं।

निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि संवेदना और अनुभूति के स्तर पर हिन्दी से हमारा जो लगाव है, वह अन्य किसी भाषा में नहीं हो सकता। हिंदी का ज्यादा से ज्यादा इस्तेमाल ही इसका असली सम्मान है। डिजिटल क्रान्ति के इस युग में वेबसाइट्स, ब्लॉग और फेसबुक व टविटर जैसे  सोशल मीडिया ने तो हिन्दी का दायरा और भी बढ़ा दिया है। 

सहायक निदेशक राजभाषा  श्री इशरा राम  ने कहा कि हिंदी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है और सरकारी कामकाज में भी इसे बहुतायत में अपनाये जाने के प्रति हमें संकल्पित होना होगा।  

इस अवसर पर हिंदी पखवाड़ा के दौरान पोस्टमास्टर जनरल  में आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित भी किया। हिंदी निबंध प्रतियोगिता में धर्मपाल, राधेश्याम पुरोहित, ओमप्रकाश चांदोरा, हिन्दी टंकण प्रतियोगिता में विनोद पुरोहित, ओमप्रकाश चांदोरा, बी एल भाटी, हिन्दी पत्र लेखन/नोटिंग प्रतियोगिता में धर्मपाल, राधेश्याम पुरोहित, महेश ओझा, वाद-विवाद प्रतियोगिता में अमित कुमार शर्मा, महेश ओझा, काव्य पाठ प्रतियोगिता में विनोद पुरोहित, अनिल कौशिक, मनीष भाटी एवम हिन्दी सुलेख प्रतियोगिता  (एमटीएस संवर्ग हेतु) में देवीलाल, भियाराम, ओमप्रकाश पँवार को क्रमश: प्रथम, द्वितीय व् तृतीय स्थान प्राप्त करने के लिए  पुरस्कृत किया गया।

कार्यक्रम में  सहायक निदेशक कान  सिंह राजपुरोहित, वरिष्ठ लेखा अधिकारी एम्. जे. व्यास, सहायक अधीक्षक बी. आर. राठौड़, पुखराज राठौड़, अनिल कौशिक, निरीक्षक सुदर्शन सामरिया, राहुल कुमार, रमेश गुर्जर, जगदीश राजपुरोहित सहित तमाम विभागीय अधिकारी-कर्मचारी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन सहायक डाक डाक तरुण शर्मा और आभार ज्ञापन सहायक डाक अधीक्षक राजेंद्र सिंह भाटी  द्वारा किया गया।




Friday, September 23, 2016

बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम है सुकन्या समृद्धि योजना - डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव


सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम है।  हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप  द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये। बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने बीकानेर जनपद के नोखा स्थित साधासर गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 21 सितंबर, 2016 को आयोजित मेले में व्यक्त किये। गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर साधासर गाँव बीकानेर जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया है।


 इस अवसर पर आयोजित कार्यक्र्म में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। 

डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा। शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे।
               


इस अवसर पर बीकानेर  मण्डल के अधीक्षक डाकघर श्री एस एस शेखावत नेबताया कि किसी भी डाकघर में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15  वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.6प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय साधासर के प्रधानाचार्य श्री पुष्पेन्द्र शर्मा ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा। 

इस अवसर पर श्रीमती विमला देवी, सरपंच साधासरग्राम पंचायतनेडाक विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ग्रामवासियों के लिए यह अत्यन्त गर्व की बात हैं कि यह जिले  का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बनकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मूर्त रूप दे रहा है।

डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को पासबुकें उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। श्री यादव ने सरपंच श्रीमती विमला देवीके प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।
 
इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक सर्वश्री पुखराज राठौड़, सीताराम खत्री, डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया,शाखाडाकपाल साधासरराजाराम, ग्रामीण डाक सेवक राधेश्याम तिवाड़ी, राम किशन तरड, विशनाराम तरड, हंसराज बाना, मेघारामसहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि व गाँववासी उपस्थित रहे। कार्यक्रम का संचालन बनवारी लाल बैरवा ने किया। 


 बीकानेर  जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बना साधासर गाँव,
गाँव की समस्त 307 बालिकाओं के खाते खुले

संचार के सबसे पुराने माध्यम 'लेटर बॉक्स' का नवीनतम माध्यम 'स्मार्ट फोन' से हुआ मिलन

लेटर बॉक्स किसी परिचय का मोहताज नहीं है। सड़क के किनारे, लाल रंग का एक बॉक्स, जो बिना किसी मौसम की परवाह किये हम-सभी के सुख-दुःख को आगे बढ़ाता है। पत्र, खत या चिट्ठी जो भी कहें,  कभी संचार का पर्याय माना जाता था यह लाल बॉक्स।  पर जैसे-जैसे टेक्नॉलाजी बदलती गई, लोग इसे भी भूलते गए।  पर लेटर बॉक्स अभी भी वहीं पर है।  हो सकता है, इसमें पड़ने वाली चिट्ठियों की संख्या कम हो गई हो, पर यह अभी भी लोगों की सेवा करने के लिए तत्पर है।  तभी तो लोग यह शिकायत लेकर आते हैं कि हमारे इलाके का लेटर बॉक्स कई दिनों से नहीं खुल रहा है या हमारे क्षेत्र में भी एक लेटर बॉक्स लगवा दीजिये। 

 लेटर बॉक्स लोगों के स्टेट्स का भी प्रतीक है। जिनके घर के सामने लेटर बॉक्स लगे होते हैं, वे लोगों को सगर्व बताते हैं कि लेटर बॉक्स के सामने वाला घर ही तो हमारा है या लेटर बॉक्स वाली गली से मुड़ लीजियेगा। पत्र लेखन की विधा को जिन्दा रखने में लेटर बॉक्स का बड़ा महत्व है।  न जाने कितनी खट्टी-मीठी यादें अपने में सहेजे हुए है लेटर बॉक्स। खुशामदी से लेकर शिकवा-शिकायत तक को अपने में सहेज कर रखता है। 

मुझे एक घटनाक्रम याद आता है, जब हर सुबह डाकिया लेटर बॉक्स से पत्र निकलने जाता तो उसे सिंदूरी रंग से रँगा हुआ और फूलों के हार के साथ पाता। जब यह लंबे समय तक यह होता रहा तो डाकिया ने एक दिन ठान ही लिया कि इसका पता लगाकर रहेगा। भोर में ही वह वहां छुपकर बैठ गया।  कुछ देर बाद देखा कि एक महिला वहां आकर लेटर बॉक्स को सिंदूरी रंग से पोतकर उस पर फूल चढ़ा रही है।  वह दौड़कर उस महिला के पास  गया और इसका कारण पूछा तो उस महिला का मासूम जवाब सुनकर डाकिया भी हतप्रभ रह गया-" यह लेटर बॉक्स तो हमारे लिए हनुमान जी का रूप है। इसमें हम परदेश  में रह रहे अपने पिया को चिट्ठी डालते हैं और यह हनुमान जी की तरह उनके पास पहुँचा आता है। मुझे अपने पिया से यह जोड़ता है।" 

खैर, वक़्त के साथ कदमताल करते हुए डाक विभाग अब लेटर बॉक्स को भी स्मार्ट बना रहा है। अब लेटर बॉक्स से पत्रों की निकासी को साफ्टवेयर आधारित मोबाईल एप 'नन्यथा' (Nanyatha) से जोड़कर  इसे नई टेक्नालॉजी से जोड़ा जा रहा है।  इसी क्रम में पिछले दिनों कई प्रधान डाकघरों में इसके शुभारम्भ के लिए जाना हुआ। फूल-माला से सजे-धजे लेटर बॉक्स अपनी अलग ही रंगत बिखेर रहे थे। स्टाफ के लोगों का कहना था कि डाक विभाग की सबसे बड़ी पहचान लेटर बॉक्स हैं, पर उन्होंने पहली बार इसे फूलों से इतना सजा-धजा और सुवासित देखा। डाकघर आने वाले लोग और रोड से गुजर रहे भी एकबारगी ठिठक कर इस पुष्पहार से सुसज्जित लेटर बॉक्स को जरूर देखते। कोई पूछता कि क्या आज लेटर बॉक्स का जन्मदिन है तो नई पीढ़ी के लोग इसके साथ शान से अपनी सेल्फी लेते। ...... आखिर, संचार के  सबसे पुराने माध्यम 'लेटर बॉक्स' का नवीनतम माध्यम 'स्मार्ट फोन' से मिलन जो हो रहा था। 


रीयल टाइम आधारित और जीपीएस से लैस इस सॉफ्टवेयर के माध्यम से जहाँ लेटर बॉक्स से पत्रों की निकासी की नियमित मॉनिटरिंग हो सकेगी, वहीं आम जन भी http://www.appost.in/nanyatha/ वेबसाइट पर जाकर अपने क्षेत्र के लेटर बॉक्स की अवस्थिति के साथ-साथ यह देख सकेंगे कि उनके क्षेत्र का लेटर बॉक्स प्रतिदिन नियमित रूप से खुलता है या नहीं और इसमें से कितने पत्र निकलते हैं। पारदर्शिता के साथ-साथ इससे डाक विभाग को लेटर बाक्सों के औचित्य स्थापन में भी सुविधा मिलेगी।



इसके तहत हर लेटर बॉक्स के अंदर 12 अंकों  का यूनिक बार कोड लगाया जायेगा, जिसमें प्रारम्भिक 6 अंक पिनकोड को दर्शायेंगे। डाककर्मी किसी भी लेटर बॉक्स से पत्रों की निकासी करेगा तो पहले वह अपने पास स्थित एंड्रायड बेस्ड स्मार्ट मोबाइल फोन में  स्थित 'नन्यथा एप' से उस लेटर बॉक्स के बार कोड को स्कैन करके उसमें निकले  कुल पत्रों की संख्या को उसी स्थान से अपलोड करेगा | इससे लेटर बॉक्स की लोकेशन सहित पत्रों की संख्या व निकासी की तारीख और समय सॉफ्टवेयर के माध्यम से तुरंत अपलोड हो जायेगा।

Wednesday, September 21, 2016

बीकानेर प्रधान डाकघर में आरंभ हुई पोस्ट शॉपी, निदेशक डाक सेवाएँ क़ृष्ण कुमार यादव ने किया उद्घाटन

डाकघरों के उपभोक्ताओं की सुविधाओं का ध्यान रखते हुये, डाक विभाग अब एक सुविधा केंद्र के रूप में पोस्ट शॉपी का आरंभ करने जा रहा है। इस अनूठी पहल का उद्देश्य लोगों को बेहतर सुविधायें  देने के साथ  अधिक से अधिक लोगों तक पहुँचना है। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के  निदेशक डाक सेवाएँ क़ृष्ण कुमार यादव  ने  प्रधान डाकघर, बीकानेर में पोस्ट शॉपी  का उद्घाटन  करते हुये 20 सितंबर, 2016 को कहा । 



उद्घाटन पश्चात आयोजित कार्यक्र्म को संबोधित करते हुये राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के  निदेशक डाक सेवाएँ  क़ृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  पोस्ट शॉपी में  रंग-बिरंगे डाक टिकट, फिलेटेलिक प्रोडक्टस, माई स्टैम्प सुविधा, पोस्टल स्टेशनरी, डाक टिकट एल्बम, ग्रीटिंग कार्ड्स, स्टेश्नरी आइटम, प्रिंटेड मग, पिक्चर पोस्टकार्ड्स, पुस्तकें, गिफ्ट संबंधी आइटम्स  एवं  स्थानीय स्तर पर बनने वाले उत्पादों को भी बिक्री के लिए रखा जाएगा। ऋषिकेश एवं गंगोत्री का पवित्र गंगाजल भी पोस्ट शॉपी पर बिक्री हेतु उपलब्ध रहेगा। 

डाक निदेशक श्री यादव ने कहा  कि डाकघर में आनेवाले ग्राहकों एवं पर्यटकों की सहूलियत के लिए पैकिंग मैटीरियल व पार्सल  बुकिंग की सुविधा भी पोस्ट शॉपी में उपलब्ध करवाई जाएगी। कई बार डाकघर में आनेवाले लोगों को पैकिंग के लिए परेशानियों से रूबरू होना पड़ता है, लेकिन अब डाक विभाग ने ग्राहकों  की इस असुविधा को ध्यान में रखते हुये, पोस्ट शॉपी पर पैकिंग मैटीरियल  की उपलब्ध्ता सुनिश्चित करवाने का निर्णय किया है, ताकि वहीँ  से ग्राहक सीधे अपने घर तक खरीदे हुये उत्पादों को पार्सल सुविधा के माध्यम से पहुँचा सके। 

 डाक निदेशक श्री यादव ने बताया कि  पोस्ट शॉपी के माध्यम से डाक विभाग की विभिन्न योजनाओं  की विस्तृत जानकारी भी  आने वाले ग्राहकों को मिल सकेगी।  घर बैठे डाक टिकट प्राप्त करने की सुविधा के तहत फिलाटेलिक डिपॉज़िट अकाउंट खोलने  एवं मात्र 300/- रुपये  में अपनी फोटो वाली  डाक टिकट  की सुविधा भी पोस्ट शॉपी पर उपलब्ध होगी।  चूँकि, डाकघरों में बड़ी संख्या में लोग आते है, ऐसे में उनके  लिए पोस्ट शॉपी एक अभिनव कदम होगा।  

डाक निदेशक  क़ृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के तीन प्रधान डाकघरों - जोधपुर, बीकानेर व झुञ्झुनु में पोस्ट शॉपी आरम्भ की गई है। पोस्ट शॉपी के माध्यम से जहाँ एक तरफ डाक विभाग के राजस्व में बढ़ोतरी होगी, वही इस योजना के माध्यम से स्कूली बच्चों और युवाओं को भी डाकघर के प्रति आकर्षित किया जा सकेगा। 




Tuesday, September 20, 2016

राजस्थान में नागौर जिले का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बना भेड़ गाँव

 सुकन्या समृद्धि योजना सिर्फ निवेश का एक माध्यम नहीं है, बल्कि यह बालिकाओं के उज्ज्वल व समृद्ध भविष्य से भी जुडा हुआ हैं। इस योजना के आर्थिक के साथ साथ सामाजिक आयाम महत्वपूर्ण हैं। इसमें जमा धनराशि पूर्णतया बेटियों के लिए ही होगी, जो उनकी शिक्षा, कैरियर  एवं विवाह में उपयोगी होगी। सुकन्या समृद्धि योजना बेटियों के सपनों को पूरा करने का सशक्त माध्यम हैं। उक्त उद्गार राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने नागौर जिले  के खींवसर स्थित भेड़  गाँव में सुकन्या समृद्धि योजना के लिये 19 सितंबर, 2016  को आयोजित मेले में व्यक्त किये। गाँव की 10 वर्ष तक की समस्त 180 योग्य बालिकाओं के सुकन्या खाते खोलकर भेड़  गाँव नागौर  जिले  का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बन गया है।
 इस अवसर पर आयोजित कार्यक्र्म में मुख्य अतिथि के रूप में अपने सम्बोधन में  निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने "बेटी बचाओ, बेटी पढाओ” के अंतर्गत बालिकाओं  के राष्ट्र निर्माण पर विस्तार से प्रकाश डालते हुए कहा कि  आज बेटियाँ समाज में नित नये मुकाम हासिल कर रही हैं। बेटियों की समृद्धि और खुशहाली में ही समाज का भविष्य टिका हुआ है। इसीलिए बेटियों की उच्च शिक्षा, कैरियर और उनके विवाह में सुविधा के लिए 10 वर्ष तक की बेटियों हेतु डाकघरों में सुकन्या समृद्धि योजना आरंभ की गयी है। श्री यादव ने कहा कि कहा कि हर बेटी को उसके जन्म पर माँ-बाप  द्वारा सुकन्या समृद्धि खाता उपहार स्वरूप देकर नई परम्परा का सूत्रपात करना चाहिये। 
डाक विभाग की योजनाओं की चर्चा करते हुए डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि डाक विभाग का उद्देश्य समावेशी विकास के तहत शहरों के साथ-साथ सुदूर ग्रामीण अंचल स्थित लोगों को भी इन सभी योजनाओं के तहत लाना है। इसके तहत आने वाले दिनों में ग्रामीण डाक सेवकों सहित विभाग के सभी कर्मचारियों को सूचना प्रौद्योगिकी  के माहौल में प्रभावकारी तरीके से कार्य करने के लिए तैयार करना है। इसी क्रम में ग्रामीण शाखा डाकघरों को भी तकनीकी तौर पर दक्ष बनाने के उद्देश्य से ग्रामीण आईसीटी के तहत हाईटेक किया जायेगा और वहाँ पर नेटबुक व हैण्डहेल्ड डिवाइस भी दिया जायेगा। शाखा डाकघरों को सोलर चार्जिंग उपकरणों से जोडने के साथ-साथ मोबाइल थर्मल प्रिन्टर, स्मार्ट कार्ड रीडर, फिंगर प्रिन्ट स्कैनर, डिजिटल कैमरा एवं सिगनेचर व दस्तावेज स्कैनिंग के लिये यन्त्र भी मुहैया कराया जायेगा ताकि ग्रामीण लोगों को इन सुविधाओं के लिये शहरों की तरफ न भागना पडे। 
इस अवसर पर नागौर  मण्डल के  अधीक्षक डाकघर श्री  राम लाल  मूंड  ने कहा कि  किसी भी डाकघर  में दस साल तक की बालिकाओं का सुकन्या समृद्धि खाता खुलवा सकते है। इसमें एक वित्तीय वर्ष में न्यूनतम 1,000 और अधिकतम डेढ़ लाख रूपये तक जमा किये जा सकते हैं। इस योजना में खाता खोलने से मात्र 15  वर्ष तक धन जमा कराना होगा।  बेटी की उम्र 18 वर्ष होने पर जमा राशि का 50 प्रतिशत व सम्पूर्ण राशि 21 वर्ष पूरा होने पर निकाली जा सकती है। ब्याज दर 8.6 प्रतिशत हैं और जमा धनराशि में आयकर छूट का भी प्रावधान है।

कार्यक्रम के विशिष्ट अतिथि उप जिलाधिकारी खींवसर श्री कुशल कुमार कोठारी ने इस योजना की भूरि-भूरि प्रशंसा कर लोकप्रिय एवं कल्याणकारी योजना बताया तथा कहा कि बालिकाओं के आर्थिक सशक्तिकरण की दिशा में उठाया गया यह प्रयास एक मील का पत्थर साबित होगा। 

  इस अवसर पर श्रीमती उर्मिला बिश्नोई, सरपंच भेड़  ग्राम पंचायत ने डाक विभाग की इस पहल की सराहना की और कहा कि ग्रामवासियों के लिए यह अत्यन्त गर्व की बात हैं कि यह जिले  का प्रथम “सम्पूर्ण सुकन्या समृद्धि योजना ग्राम” बनकर “बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ” अभियान को मूर्त रूप दे रहा है।
  
डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव ने बालिकाओं को पासबुकें उपहार देकर उनके सुखी व समृद्ध भविष्य की कामना की। श्री यादव ने सरपंच श्रीमती उर्मिला बिश्नोई के प्रयासों की सराहना की और आशा व्यक्त की कि बेटियों के लिए ऐसे प्रयास अन्य गांवों में भी किये जायेंगे।

इस अवसर पर सहायक डाक अधीक्षक साजन राम चौधरी, डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया, शाखा डाकपाल काना राम, भंवर लाल, वंशी राम लेघ , सुरेश कुमार, रमेश कुमार, सहित तमाम स्थानीय जनप्रतिनिधि व गाँववासी  उपस्थित रहे।