Tuesday, September 29, 2015

हिंदी पखवाड़े तक सीमित न रहे हिन्दी - कृष्ण कुमार यादव


 हिंदी पखवाड़ा के समापन अवसर पर जोधपुर प्रधान डाकघर में 28 सितंबर, 2015 को एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के आरंभ में मुख्य अतिथि राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव का सीनियर पोस्टमास्टर श्री हेमराज राठौड ने स्वागत किया और हिंदी पखवाड़ा के दौरान आयोजित कार्यक्रमों की रूपरेखा पर प्रकाश डाला। 

मुख्य अतिथि के रूप में अपने उद्बोधन में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने कहा कि सृजन एवं अभिव्यक्ति की दृष्टि से हिंदी दुनिया की अग्रणी भाषाओं में से एक है। हिंदी हमारे रोजमर्रा की भाषा है और इसे सिर्फ पखवाड़ा से जोड़कर देखने की जरूरत नहीं है। जरूरत इस बात की है कि हम इसके प्रचार-प्रसार और विकास के क्रम में आयोजनों से परे अपनी दैनिक दिनचर्या से भी जोड़ें ।

श्री यादव ने कहा कि डिजिटल क्रान्ति के इस युग में हिन्दी इन्टरनेट की दुनिया में भी तेजी से पाँव पसार रही है। आज की युवा पीढ़ी सोशल मीडिया और ब्लाॅगिंग के माध्यम से हिन्दी को नये रूप में स्वीकार रही है। उन्होंने कहा कि हिन्दी में विश्व भाषा बनने की क्षमता है। आज हिन्दी सिर्फ भारत ही नहीं बल्कि दुनिया के तमाम देशों में बोली जाती है। विश्व के लगभग 150 विश्वविद्यालयों में हिन्दी पढ़ाई जाती है। दुनिया में चीनी भाषा के बाद हिन्दी बोलने वालों की संख्या सर्वाधिक है। आज जहाँ कम्प्यूटर एवं इंटरनेट पर हिन्दी की लोकप्रियता चरम पर है, वहीं विदेशों से लोग भारत में हिन्दी सीखने के लिए आ रहे है। श्री यादव ने हिन्दी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि आज परिवर्तन और विकास की भाषा के रूप में हिन्दी के महत्व को नये सिरे से रेखांकित किया जा रहा है। डाक निदेशक श्री यादव ने जोर देकर कहा कि ऐसे में हिन्दी की प्रतिष्ठा के लिये सरकारी कार्यक्रमों से परे अगर हर हिन्दी भाषी ठान ले कि उसे हिन्दी में ही कार्य करना है तो हिन्दी को आगे बढ़ने से कोई नहीं रोक सकता। 

 प्रवर डाक अधीक्षक, जोधपुर मंडल श्री पी आर करेला ने कहा कि हिंदी हमारी मातृभाषा के साथ-साथ राजभाषा भी है और लोगों तक पहुँच स्थापित करने के लिए टेक्नॅालाजी स्तर पर इसका व्यापक प्रयोग करने की जरूरत है। सीनियर पोस्टमास्टर श्री हेमराज राठौड ने कहा कि हिंदी पूरे देश को जोड़ने वाली भाषा है और सरकारी कामकाज में भी इसे बहुतायत में अपनाया जाना चाहिये।

हिंदी पखवाड़ा के दौरान प्रधान डाकघर में आयोजित कार्यक्रम के विजेताओं को इस अवसर पर निदेशक डाक सेवाएं श्री कृष्ण कुमार यादव ने सम्मानित भी किया। निबंध प्रतियोगिता में दुर्ग सिंह भाटी, नीतू प्रजापत, सुनील जोशी और कमल खन्ना एवं डाकिया संवर्ग में सत्य प्रकाश, वाद-विवाद प्रतियोगिता में रूपाराम, रमेश सोठवाल, नरेंद्र सोनी और प्रवीण कुमार वैष्णव एवं काव्य पाठ प्रतियोगिता में नीतू प्रजापत को पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 

 कार्यक्रम का संचालन सुनील जोशी ने किया और आभार ज्ञापन सहायक डाक अधीक्षक (मुख्यालय) श्री विनय कुमार खत्री द्वारा किया गया। 




Monday, September 28, 2015

अब पोस्टमैन बनने के लिए बीटेक छात्र भी होड़ में

इसे सरकारी नौकरी के प्रति मोह कहें या शिक्षित बेरोजगारी का उदाहरण कि जिस पद के लिए अहर्ता मात्र 10 वीं पास है, उसके लिए उच्च शिक्षा प्राप्त - एम. ए.,  एम. एस. सी और यहाँ तक कि बी-टेक की डिग्री लिए इंजीनियर भी आवेदन कर रहे हैं।  यह नजारा देखने को मिला राजस्थान डाक परिमंडल द्वारा रविवार, 27 सितंबर, 2015 को आयोजित हुई पोस्टमैन और मेल गार्ड्स की परीक्षा में। पहले डाक विभाग इन पदों को विभागीय पदोन्नति के माध्यम से भरता था, पर अब पोस्टमैन बनने के लिए खुली प्रतियोगिता परीक्षा के माध्यम से चयन होता है। ऐसे में पोस्टमैन बनने के लिए युवाओं में होड़ लगी हुई है। राजस्थान में 155 पोस्टमैन और 12 मेल गार्ड पदों पर नियुक्ति के लिए 1, 47, 974 लोगों ने आवेदन किया, जिनमें से कई उच्च शिक्षा प्राप्त अभ्यर्थी भी हैं, जबकि पोस्टमैन के लिए न्यूनतम अहर्ता मात्र 10 वीं पास है। 

राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि पश्चिमी क्षेत्र में पोस्टमैन के 49 और मेल गार्ड के 04 पदों के लिए जोधपुर और बीकानेर में परीक्षा आयोजित की गई।  इनमें जोधपुर में 15, 402 के सापेक्ष 10,424 और बीकानेर में  12, 473 के सापेक्ष कुल 8,027 अभ्यर्थी परीक्षा में शामिल हुए। परीक्षा शांतिपूर्वक और सौहाद्रपूर्ण माहौल में संपन्न हुई।  

बीटेक डिग्रीधारी और हाईटेक छात्रों द्वारा पोस्टमैन की परीक्षा दिए जाने पर निदेशक श्री यादव ने कहा कि आज का पोस्टमैन भी टेक्नॉलजी से जुड़ा हुआ है और उसे अपना कार्य सुचारू रूप से सम्पादित करने हेतु कंप्यूटर का ज्ञान आवश्यक है।  समाज में डाकिया की अपनी अलग ही प्रतिष्ठा है और सरकारी सेवा के स्थायित्व के साथ-साथ उसका वेतन भी कई निजी कंपनियों से बढ़िया और आकर्षक है। श्री यादव ने कहा कि डाक विभाग आई. टी. मॉडर्नाइजेशन के दौर से गुजर रहा है और ऐसे में यदि बीटेक डिग्रीधारी और हाईटेक लोग विभाग में आते हैं या पोस्टमैन बनने के लिए आकर्षित होते हैं  तो इसे एक शुभ संकेत के रूप में देखा जाना चाहिए !!







Thursday, September 24, 2015

हिंदी पखवाड़ा के तहत डाक विभाग में हुई कविता प्रतियोगिता


हिंदी पखवाड़ा के तहत डाक विभाग द्वारा जोधपुर में 23 सितंबर, 2015 को पोस्टमास्टर जनरल कार्यालय के सभा कक्ष में कविता प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने अपने उद्बोधन में कहा कि कविता हमारे जीवन मूल्यों का प्रतिबिम्ब है। कविता आत्मा का मौलिक व विशिष्ट संगीत है, जो मानव में संस्कार रोपती हैै।  एक ऐसा संस्कार जो सभी को प्रदत्त है पर जरूरत है उसके खोजे जाने, महसूस करने और गढ़ने की। यही कारण है कि सम्वेदनाओं  का प्रस्फुटन होते ही कविता स्वतः फूट पड़ती है। हिंदी साहित्यकार एवं कवि  के रूप में भी चर्चित श्री यादव ने कहा कि काव्य-सृजन निरा कला कर्म या बौद्विक कवायद भर नहीं है बल्कि यह अपने भीतर एक और बड़ी लेकिन समानांतर दुनिया को समाए हुए है। कविता स्वयं की व्याख्या भी करती है एवं बहुत कुछ अनकहा भी छोड़ देती है। इस अनकहे को ढूँढ़ने की अभिलाषा ही एक कवि-मन को अन्य से अलग करती है।  



कार्यक्रम के दौरान डाक विभाग के तमाम प्रतिभागियों ने अपनी रचनाएं पेश कीं। इनमें सहायक डाक अधीक्षक पुखराज राठौड़, अनिल कौशिक, डाक निरीक्षक राजेंद्र भाटी, विनोद कुमार पुरोहित, रमेश चन्द्र गुर्जर, नरेंद्र कुमार वर्मा इत्यादि ने हिंदी में कवितायेँ सुनाकर वाहवाही बटोरी। राजेंद्र भाटी ने कारगिल का शहीद कविता सुनाकर लोगों को भाव विभोर किया तो विनोद कुमार पुरोहित ने अध्यात्म पर याचना कविता सुनाई।  अनिल कौशिक ने पिता की भूमिका पर कविता सुनाकर भाव विह्वल किया तो पुखराज राठौड़ ने महाराणा प्रताप की गाथा को जीवंत किया। इस दौरान डाक निदेशक कृष्ण कुमार यादव ने अपनी एक कविता के माध्यम से कविता की भूमिका को भी रेखांकित किया -कविता है वेदना की अभिव्यक्ति/कविता है एक विचार/कविता है प्रकृति की सहचरीे/कविता है क्रान्ति की नजीर/कविता है शोषितों की आवाज/कविता है रसिकों का साज/कविता है सृष्टि और प्रलय का निर्माण/कविता है मोक्ष और निर्वाण/कभी यथार्थ, तो कभी कल्पना के आगोश में/कविता इस ब्रह्माण्ड से भी आगे है/शायद इसीलिए कहा गया है/जहाँ न पहुँचे रवि वहाँ पहुँचे कवि।

इस दौरान सहायक निदेशक (राजभाषा) कान सिंह राजपुरोहित ने कहा कि साहित्य में सबसे लोकप्रिय विधा कविता को ही माना जाता है क्योंकि कविता मनुष्य के कण्ठ में सहज ही समा जाती है। हमारे वेद, पुराण इत्यादि सभी काव्यमय रूप में ही लिखे गए हैं और अपनी गेयता के चलते स्वत: लोगों की जुबान पर चढ़ जाते हैं।

कार्यक्रम का संचालन डाक निरीक्षक सुदर्शन सामरिया और आभार-ज्ञापन राजेंद्र भाटी ने किया।  इस दौरान डाक विभाग के तमाम अधिकारी और कर्मचारीगण उपस्थित रहे।  


Tuesday, September 15, 2015

महात्मा गांधी से सम्बंधित सर्वाधिक डाक टिकटों का संग्रह कर बनाया नया विश्व रिकॉर्ड


डाक टिकटों की दुनिया में महात्मा गाँधी का नाम सर्वोपरि है।  अधिकतर लोग गांधी जी से जुड़े डाक टिकटों का संग्रह करते हैं। पर रायपुर(छत्‍तीसगढ़) के डॉ. भानुप्रताप सिंह ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी के सबसे अधिक डाक टिकट का संग्रह कर नया विश्व रिकॉर्ड अपने नाम कर लिया है। 

पेशे से डॉक्टर डॉ. भानुप्रताप सिंह ने बताया कि गिनीज में इससे पहले महात्मा गांधी ने नाम पर कैटेगिरी नहीं थी। सालों की मेहनत से उन्होंने यह रिकॉर्ड बनाया, साथ ही उन्हें इस कैटेगिरी को गिनीज में जुड़वाने में भी बहुत मेहनत करनी पड़ी। गिनीज से पहले लिमका बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड में भी बिगेस्ट कलेक्शन ऑफ महात्मा गांधी स्टैम्प में उनका  नाम आ चुका है। साथ ही उन्होंने महात्मा गांधी पर एक किताब 'बापू- ए जर्नी फ्रॉम मोहनदास टू महात्मा' भी लिखी है।

डॉ. भानुप्रताप सिंह के पुराने रिकॉर्ड

- 2013 में रोलैण्ड हिल थीम पर स्टैम्प कलेक्शन में गिनीज में अपना नाम, जो कि पहले जयपुर के अरविंद झा के नाम पर था, उसे तोड़कर नया रिकॉर्ड कायम किया, जिसमें उन्होंने 1200 के रिकॉर्ड को अपने 1671 से तोड़ा।

- लिमका में इनरेगुलर सिक्कों का रिकॉर्ड

- बिगेस्ट साइज ऑफ एनवेलेप का रिकॉर्ड

- रंगीन सिक्कों के कलेक्शन का रिकॉर्ड

- अलग-अलग प्रकार के सिक्कों का रिकॉर्ड

- डाक सिक्कों का रिकॉर्ड

- क्वाइन ऑन स्टैम्प का रिकॉर्ड

- फर्स्ट  डे कवर का रिकॉर्ड

- रोल एंड हिल रिकॉर्ड

- क्वीन एलिजाबेथ स्टैम्प का रिकार्ड के आलावा कई रिकॉर्ड अपने नाम किए हैं।

वर्ल्ड रिकॉर्ड की दुनिया में कदम

डॉ. भानुप्रताप बताते हैं कि बचपन से ही उन्हें चीजों के कनेक्शन का शौक था, जिसे देखकर उन्हें वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का आइडिया आया। वे दूसरे देशों के महारथियों की चीजें के कलेक्ट करते ही थे, पर भारतीय होने के नाते उन्हें महात्मा गांधी पर वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाने का सोचा और अपने इस सपने को पूरा किया।

Saturday, September 12, 2015

अब डाकघरों के माध्यम से भी उपलब्ध होगी ''प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना'' व ''प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना''

प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना व प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना अब डाकघरों के माध्यम से भी उपलब्ध है। सभी प्रधान डाकघरों व सीबीएस डाकघरों में इस योजना का लाभ लोग खाता खोल कर ले सकते हैं। उक्त सम्बन्ध में जानकारी देते हुए राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र, जोधपुर के निदेशक डाक डाक सेवाएँ कृष्ण कुमार यादव ने बताया कि  भारत सरकार द्वारा डाक विभाग के विशाल नेटवर्क एवं जन-जन तक पहुँच को देखते हुए, इन जन सुरक्षा योजनाओं को डाक विभाग के माध्यम से संचालित करने का निर्णय किया गया है। यह योजनायें राजस्थान पश्चिमी क्षेत्र के 177 सी.बी.एस. प्लेटफार्म पर संचालित समस्त प्रधान डाकघरों एवं उप डाकघरों में उपलब्ध होंगी। 


निदेशक श्री यादव ने इन योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए कहा कि  प्रधानमंत्री जीवन ज्योति बीमा योजना के तहत खाताधारकों को 330 रुपये में दो लाख रुपये का बीमा लाभ प्राप्त होगा। इस योजना को 18 वर्ष से 50 वर्ष तक के उम्र वाले खाताधारक ले सकते हैं। वहीं प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना के तहत खाताधारकों को 12 रुपये में दो लाख रुपये का दुर्घटना बीमा का लाभ मिलेगा। इसके लिए धारक को केवल 12 रुपये प्रति वर्ष अर्थात 1 रुपये प्रति माह की राशि प्रीमियम के तौर पर देनी होगी।  यह योजना 18 वर्ष से 70 वर्ष तक के खाताधारकों के लिये है। प्रधानमंत्री सुरक्षा बीमा योजना वस्तुत: एक बीमा पॉलिसी हैं, जिसके तहत मृत्यु एवम पूर्णतः विकलांग होने पर 2 लाख रूपये एवम आंशिकतौर पर अपंग होने पर 1 लाख रुपये  बीमा  राशि दी जायेगी|  


डाक निदेशक श्री कृष्ण कुमार यादव  ने कहा कि उक्त दोनों योजनाओं के लिये आवेदकों का सीबीएस डाकघर में खाता होना आवश्यक है तथा खाताधारक डाकघर में प्रपत्र भर कर इन योजनाओं से जुड़ सकते हैं। अगर किसी उपभोक्ता का एक या अधिक बचत खाते हैं तब वे किसी एक बचत खाते के जरिये योजना से जुड़ सकते हैं। इसके अन्तर्गत दो फोटो, एक पहचान पत्र, पता प्रमाण पत्र व जन्मप्रमाण पत्र की प्रतिलिपि देना आवश्यक होगा। यह योजनायें डाकघर से जुड़ी होने के कारण धारक को प्रीमियम भरने की चिंता से मुक्ति मिलेगी क्यूंकि यह राशि सीधे खाते से काट ली जाएगी। यह बीमा योजनायें 1 साल तक वैध रहेगी जिसे प्रति  वर्ष नवीनीकरण करवाना होगा | जो खाताधारक इन योजनाओं का लाभ बैंक के माध्यम से प्राप्त कर चुके हैं,  उन्हें यह बीमा लाभ डाकघर से उपलब्ध नहीं होगा। इन बीमा योजनाओं से जुड़ने के लिए आधार कार्ड का होना जरुरी हैं |

Friday, September 11, 2015

'विश्व हिंदी सम्मेलन' पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जारी किया डाक टिकट


विश्व हिंदी सम्मेलन अपनी छटा डाक टिकटों पर भी बिखेरेगा।  मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल में  तीन दिवसीय 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में 10 सितंबर, 2015 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने विश्व हिंदी सम्मेलन पर 5 रूपये का विशेष डाक टिकट जारी किया। इस डाक टिकट पर 10वें विश्व हिंदी सम्मेलन का शुभंकर बना हुआ है। विश्व हिंदी सम्मेलन का आयोजन स्थल लाल परेड मैदान माखनलाल चतुर्वेदी नगर में बदल चुका है। मुख्य आयोजन रामधारी सिंह दिनकर सभागार में हो रहा है। उद्घाटन मंच पर डाक विभाग द्वारा तैयार डाक टिकट का प्रधानमंत्री ने विमोचन किया। 


इस दौरान संचार मंत्री रविशंकर प्रसाद, विदेश मंत्री सुषमा स्वराज, मध्यप्रदेश के राज्यपाल राम नरेश यादव, पश्चिम बंगाल के राज्यपाल केशरी नाथ त्रिपाठी, मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान सहित तमाम राजनेता, साहित्यकार, बुद्धिजीवी इत्यादि मौजूद थे। 

Wednesday, September 9, 2015

डाक टिकटों पर झलकेंगे रामायण-महाभारत के वृतांत


भारतीय डाक विभाग जल्द ही प्राचीन ग्रंथों के वृतांतों को डाक टिकट पर उकेरने की योजना को अमलीजामा पहनाने जा रहा है। विभाग डाक टिकटों पर रामायण और महाभारत के वृतांत को दर्शाएगा।

उक्त टिकटों की श्रृंखला को विभाग द्वारा दशहरे के दौरान  जारी करने की योजना है । प्रथम चरण में विभाग द्वारा उक्त दोनों ग्रंथों पर आठ लाख डाक टिकट छपवाए जाएंगे। टिकटों की श्रृंखला में कुरुक्षेत्र में हुए महाभारत के रण एवं रामायण के प्रमुख किस्सों को दर्शाया जाएगा। 

पिछले दिनों महिला सशक्तिकरण के उपर डाक टिकट जारी करते हुए संचार मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा, ‘मैंने इस बारे में डाक टिकट संग्रह बोर्ड के साथ चर्चा की है। डाक टिकटें रामायण और महाभारत श्रृंखला पर जारी की जानी चाहिए। यह देश की महान सांस्कृतिक धारणाओं का सम्मान होना चाहिए।’ उन्होंने कहा कि विभिन्न हस्तियों पर जारी डाक टिकटें केवल स्मृति के तौर पर सहेज कर रखने के लिये नहीं बल्कि नियमित उपयोग के लिये उपलब्ध होंगी।

Tuesday, September 8, 2015

डाक टिकटों पर दिखेंगे अब्दुल कलाम से लेकर माउंटेन मैन दशरथ मांझी


डाक टिकटों पर अब तमाम महान हस्तियों के दर्शन होंगे।  पूर्व राष्ट्रपति एपीजे अब्दुल कलाम से लेकर बिहार के माउंटेन मैन दशरथ मांझी के सम्मान में भारत सरकार डाक टिकट जारी करेगी. इनके अलावा देश के 25 अन्य महान हस्तियों पर भी डाक टिकट जारी होगा. जाने माने गायकों, लेखकों, स्वतंत्रता सेनानियों और चित्रकारों पर भी सरकार डाक टिकट जारी करने वाली है और इसके डिजाइन के लिए सरकार ने आम लोगों से राय मांगी है।  


डाक विभाग ने 30 जनवरी, 2015 को स्वच्छ भारत अभियान पर स्मृति डाक टिकट जारी किया था। इस डाक टिकट के डिजाइन पर फैसला भी खुली प्रतिस्पर्धा के जरिए किया गया था। महिला सशक्तिकरण पर भी 15 अगस्त, 2015 को एक स्मृति डाक टिकट को जारी किया गया था। इसके डिजाइन पर भी आम लोगों की राय से फैसला लिया गया था। द्रीय संचार एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री रविशंकर प्रसाद ने यह भी कहा कि लोगों को टिकटों से जुड़ी सूचना मिल सके इसके लिए एक मोबाइल ऐप तैयार किया जाना चाहिए।

केंद्रीय मंत्री रविशंकर ने कहा कि डाक विभाग ने महाकवि विद्यापति, महात्मा गांधी, राजेंद्र प्रसाद, जयप्रकाश नारायण, जननायक कर्पूरी ठाकुर, भारतीय जनता पर्टी के नेता कैलाशपति मिश्र, रवींद्रनाथ टैगोर, छत्रपति शिवाजी समेत 25 देश के महान हस्तियों पर डाक टिकट जारी करने का फैसला किया है. ज्ञात हो कि विद्यापति, गांधी और टैगोर पर डाक टिकट पहले भी जारी हो चुका है. भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (भाकपा) के नेता भूपेश गुप्त  की याद में भी डाक टिकट जारी करने का फैसला लिया है.