Thursday, December 8, 2011

जनसत्ता में भी छाई देवानंद की चिट्ठियाँ : डाकिया डाक लाया


आज 8 दिसंबर 2011 को को प्रतिष्ठित दैनिक समाचार पत्र 'जनसत्ता' के सम्पादकीय पृष्ठ पर समांतर स्तम्भ के तहत 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग पर 4 दिसंबर को प्रकाशित पोस्ट चिट्ठियों से आरंभ होकर फिल्मों में ख़त्म हुआ देवानंद का सफ़र को 'सिनेमा का सदाबहार' शीर्षक से प्रस्तुत किया गया है.

इससे पहले 'डाकिया डाक लाया' ब्लॉग और इसकी प्रविष्टियों की चर्चा जनसत्ता, दैनिक हिंदुस्तान, राष्ट्रीय सहारा, राजस्थान पत्रिका, उदंती जैसी प्रतिष्ठित पत्र-पत्रिकाओं में हो चुकी है.

गौरतलब है कि "डाकिया डाक लाया" ब्लॉग की चर्चा सबसे पहले 8 अप्रैल, 2009 को दैनिक हिंदुस्तान अख़बार में 'ब्लॉग वार्ता' के अंतर्गत की गई थी। रवीश कुमार जी ने इसे बेहद रोचक रूप में प्रस्तुत किया था. इसके बाद इसकी चर्चा 29 अप्रैल 2009 के दैनिक 'राष्ट्रीय सहारा' पत्र के परिशिष्ट 'आधी दुनिया' में 'बिन्दास ब्लाग' के तहत की गई. "प्रिंट मीडिया पर ब्लॉग चर्चा" के अनुसार इस ब्लॉग की 22 अक्तूबर की पोस्ट "2009 ईसा पूर्व में लिखा गया दुनिया का पहला पत्र'' की चर्चा 11 नवम्बर 2009 को राजस्थान पत्रिका, जयपुर संस्करण के नियमित स्तंभ 'ब्लॉग चंक' में की गई।


....ऐसे में यह जानकर अच्छा लगता है कि इस ब्लॉग को आप सभी का भरपूर प्यार व सहयोग मिल रहा है. आप सभी शुभेच्छुओं का आभार !!

चित्र साभार : Blogs in Media

5 comments:

Pallavi saxena said...

शुभकामनायें ... :-)

समयचक्र said...

रोचक प्रस्तुति...शुभकामनायें

Unknown said...

हमने भी आपका यह पोस्ट जनसत्ता में पढ़ा. नई जानकारी मिली कि देवानंद की शुरुआत चिट्ठियों को सेंसर करने से हुई थी..अच्छे लोगों का जाना सदैव दुखद ही होता है..श्रद्धांजलि !!

मन-मयूर said...

आपने तो देवानंद जी को सधे शब्दों में पन्नों पर उतार दिया है. हम तो उनके बहुत बड़े फैन हैं..उनका जाना अखर गया.

Amit Kumar Yadav said...

सदाबहार देवानंद जी भले ही हमारी पीढ़ी के ना रहे हों, पर उनका जूनून अभी भी सर चढ़कर बोलता था..विनम्र श्रद्धांजलि..