Friday, February 11, 2011

भारत के चार राजघराने वाले राज्यों पर डाक टिकटों का सैट

डाक विभाग ने इंडिपेक्स 2011 विश्व डाक टिकट संग्रह प्रदर्शनी के कर्टन रेजर के रूप में भारत के राजघरानों के बारे में चार डाक टिकटों का सैट जारी किया। यह प्रदर्शनी 12 फरवरी से 18 फरवरी, 2011 तक प्रगति मैदान, नई दिल्ली में आयोजित की जाएगी। इन टिकटों को दिल्ली क्षेत्र की मुख्य पोस्टमास्टर जनरल सुश्री रामेश्वरी हांडा ने पहले संसद मार्ग मुख्य डाकघर में जारी किया था। चार स्मारक डाक टिकटों के इस सैट में सिरमौर, इंदौर, बामरा तथा कोचीन द्वारा जारी डाक टिकटों को दर्शाया गया है। ये डाक टिकटें दुनिया भर की दुर्लभ और बहुमूल्य डाक टिकटों की श्रेणी में आती हैं।

स्वतंत्रता से पूर्व भारत में 568 राज्य थे जिनका स्वतंत्रता के बाद अस्तित्व समाप्त हो गया। यहां यह उल्लेखनीय है कि पांच सौ से अधिक राज्यों में से केवल चालीस राज्यों ने अपनी सार्वभौमिकता की निशानी के रूप में डाक टिकटें जारी की थीं। इन राज्यों द्वारा जारी डाक टिकटों में राजाओं और राज कुमारों तथा राजसी प्रतीकों को चित्रित किया गया है। इन पर अनेक पध्दतियों तथा रंगों का प्रयोग करके छपाई की गई। कहा जा सकता है कि राज घराने वाले कुछ राज्यों ने एक पैतृक संपत्ति छोड़ी है जो डाक टिकट संग्रहण क्षेत्र के लिए बहुमूल्य है।

यह इस क्रम में दूसरा सैट है जैसा कि दिल्ली, शिमला, उदगमंडलम, कूच बिहार, नागपुर तथा लखनऊ मुख्य डाकघरों सहित प्राचीन डाक भवनों के छ: टिकटों का पहला सैट 12 मई 2010 को जारी किया गया था। इसका उद्देश्य विश्व के समक्ष भारतीय डाक की गौरवपूर्ण विरासत को प्रदर्शित करना था।

4 comments:

डॉ. दलसिंगार यादव said...

लगभग 171 साल पहले शुरू हुई डाक टिकटों की यात्रा अपने आप में एक समृद्ध और गौरवशाली परंपरा का वाहक है। इस परंपरा को बड़ी ही संजीदगी से प्रस्तुत कर रहे हैं।

डॉ. मनोज मिश्र said...

रोचक जानकारी.

KK Yadav said...

Thanks for liking & Nice comments !!

Bhanwar Singh said...

Wow...!