Wednesday, June 10, 2009

भारत के पहले डाक टिकट सिंदे डाक की कीमत लाखों में

डाक टिकटों की कीमत सिर्फ लिफाफों पर लगने तक ही नहीं है वरन् वक्त के साथ अपनी दुर्लभता के चलते वे काफी मूल्यवान हो जाते हैं। भारत में प्रथमतः डाक टिकट 1 जुलाई 1852 को सिन्ध के मुख्य आयुक्त सर बर्टलेफ्र्रोरे द्वारा जारी किए गए। आधे आने के इस टिकट को सिर्फ सिंध राज्य हेतु जारी करने के कारण ‘सिंदे डाक’ कहा गया एवं मात्र बम्बई-कराची मार्ग हेतु इसका प्रयोग होता था। सिंदे डाक को एशिया में जारी प्रथम डाक टिकट एवं विश्व स्तर पर जारी प्रथम सर्कुलर डाक टिकट का स्थान प्राप्त है। 1852 में जारी इस प्रथम डाक टिकट (आधे आने का सिंदे डाक) की कीमत आज करीब ढाई लाख रूपये आंकी जाती है। कालान्तर में 1 अक्टूबर 1854 को पूरे भारत हेतु महारानी विक्टोरिया के चित्र वाले डाक टिकट जारी किये गये।

9 comments:

डॉ. मनोज मिश्र said...

सही जानकारी .

Amit Kumar Yadav said...

बेहद रोचक जानकारी है. कभी सोचा भी नहीं था कि डाक-टिकट भी इतने महंगे होते होंगे.

Amit Kumar Yadav said...
This comment has been removed by the author.
Anonymous said...

Whether This Stamp is available with Philatelists ??

Dr. Brajesh Swaroop said...

...लाजवाब ! डाक-टिकट भले ही नहीं दिख रहे, पर आपने इन डाक-टिकटों को देखने के प्रति उत्सुकता अवश्य पैदा कर दी.

Anonymous said...

काश हम भी ऐसे डाक-टिकट आँखों से प्रत्यक्ष देख पाते....

मन-मयूर said...

एक डाक टिकट प्रदर्शनी में मैंने सिंदे-डाक स्टैंप देखा था....अतीत से जुडा वह एहसास आज पुन: स्मरण हो आया.

www.dakbabu.blogspot.com said...

@ Bazigar !!
Now a days this stamp is rare...but still some philatelists have.

संजय भास्‍कर said...

बेहद रोचक जानकारी है