Wednesday, November 12, 2008

अब 'पिन कोड' की जगह 'पिन प्लस'

भूमण्डलीकरण एवं उदारीकरण के दौर में जैसे-जैसे बहुराष्ट्रीय कंपनियों का विस्तार होता गया और संचार-प्रोद्योगिकी के क्षेत्र में नई तकनीकों का आविष्कार होता गया, डाक विभाग भी इससे अछूता नहीं रहा। स्वतन्त्रता की 25वीं वर्षगाँठ पर 15 अगस्त 1972 को भारतीय डाक विभाग ने डाक सेवाओं को तीब्र बनाने हेतु छः अंको की पिन कोड व्यवस्था लागू की थी। इनमें से प्रथम 3 अंक सार्टिंग यूनिट और अंतिम 3 अंक वितरण डाकघर को चिन्हित करते हैं। व्यक्तिगत/घरेलू पत्रों के वितरण में पिनकोड व्यवस्था से काफी सहूलियत पैदा हुई। पर जैसे-जैसे चिटिठ्यों की बजाय मेल सेक्टर बिजनेस टू बिजनेस (B2B) और बिजनेस टू कस्टमर्स (B2C) की ओर प्रवृत होता गया, नई सेवाओं की आवश्यकता पड़ी। इसी क्रम में एक कदम आगे बढ़ाते हुए भारतीय डाक विभाग ने पिनकोड सेवा को व्यापक बनाते हुए ‘पिनप्लस‘ सेवा आरम्भ की है। 11 अंकीय पिनप्लस सेवा में प्रथम 6 अंक पिनकोड के होंगे और तत्पश्चात 5 प्लस अंक होंगे। इस 5 प्लस अंक में से प्रथम 2 अंक पोस्टमैन की बीट दर्शाते हैं और अंतिम 3 अंक वितरण विन्दु को दर्शाते हैं। पोस्टबाक्स व पोस्टबैग सेवा को भी पिनप्लस से जोड़ा गया है। इसमें 5 प्लस अंक में प्रथम 2 अंक 00 होंगे और अंतिम 3 अंक पोस्टबाक्स व पोस्टबैग संख्या को दर्शाते हैं। किसी भी प्रकार के संशय को दूर करने हेतु पिनकोड के बाद एक विभाजक रेखा खींची जायेगी, तत्पश्चात 5 अंक का प्लस कोड लिखा जायेगा। पिनप्लस सेवा आरम्भ होने के बाद जहाँ डाक वितरण में काफी आसानी हो जायेगी, वहीं इसके माध्यम से ज्यादा मात्रा में डाक प्राप्त करने वाले व्यक्ति/संस्थायें, विभिन्न सरकारी/कोरपोरेट संस्थानों का अपना एक अलग पिनप्लस कोड हो सकेगा। सीधे अर्थों में समझें तो जहाँ पिनकोड वितरण डाकघर तक की स्थिति दर्शाता है, वहीं पिनप्लस सेवा में न सिर्फ पोस्टमैन बीट बल्कि डाक प्राप्त करने वाले व्यक्ति/संस्थान को भी चिन्हित किया जायेगा। आदर्श स्थिति तो तब उत्पन्न होगी जब डाक भेजने हेतु नाम व पता लिखने की जरूरत नहीं पड़े, मात्र पिनप्लस कोड के आधार पर डाक पहुँच जाये। एक उदाहरण के माध्यम से इसे समझना आसान होगा। लखनऊ जी0पी0ओ0 के वितरण क्षेत्र में अवस्थित राज्यपाल कार्यालय को ले। लखनऊ जी0पी0ओ0 का पिनकोड 226001 है। यदि बीट नं0 45 का पोस्टमैन राज्यपाल की डाक बाटता है और राज्यपाल कार्यालय वितरण विन्दु को 222 कोड आवंटित किया जाता है तो पिनप्लस कोड होगा- 226001- 45222। यदि भारत के किसी कोने में बैठा व्यक्ति उत्तर प्रदेश के राज्यपाल को पत्र लिखता है और उसपर नाम व पता लिखने की वजाय मात्र पिनप्लस कोड- 226001-45222 अंकित कर दे तो उक्त डाक सुगमता के साथ राज्यपाल कार्यालय को वितरित हो जायेगी।

7 comments:

Bhanwar Singh said...

Nice Information.

Bhanwar Singh said...

होली के रंगों से अंग-अंग रँगा जाये.
सद्भाव, शालीनता के हंगामे से
मन में उमंग भर जाये .
****होली पर्व मुबारक हो****

प्रेम सागर सिंह [Prem Sagar Singh] said...

आपकी सूचना महत्वपूर्ण है।

Yashwant R. B. Mathur said...

कल 23/09/2011 को आपकी यह पोस्ट नयी पुरानी हलचल पर लिंक की जा रही हैं.आपके सुझावों का स्वागत है .
धन्यवाद!

Dr. Zakir Ali Rajnish said...

आभार।

लेकिन क्‍या पिन प्‍लस में हर व्‍यक्ति का नंबर अलग होगा। या फिर हर मोहल्‍ले या सेक्‍टर के लिए अलग नंबर होगा, कृपया स्‍पष्‍ट करने का कष्‍ट करें।

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मायावी मामा?
रूमानी जज्‍बों का सागर है प्रतिभा की दुनिया।

सदा said...

बेहतरीन प्रस्‍तुति ।

संगीता स्वरुप ( गीत ) said...

महत्त्वपूर्ण जानकारी दी है ..